केंद्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) को आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करने का अधिकार दिया गया है.

सिमी को पहली बार 2001 में गैरकानूनी घोषित किया गया था. उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी और तब से समय-समय पर प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है. केंद्र सरकार ने 29 जनवरी को सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.

गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि सिमी अपनी विध्वंसक गतिविधियां जारी रखे हुए है और अपने से जुड़े लोगों को फिर से संगठित कर रहा है जो अब भी फरार है. गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सिमी अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है और अपने समर्थकों को फिर से संगठित कर रहा है, जो अभी भी फरार हैं.

इस निर्णय के बाद, राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों को अब सिमी को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने का अधिकार है.

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