उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में एक बयान में यह बात उठाई है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को पहले ‘भारत रत्न’ क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने इसे पूर्व सरकारों की ओर से एक नाकामी बताया.
धनखड़ ने चौधरी चरण सिंह की जीवनी की सराहना की और उन्हें किसानों के प्रति समर्पित एक नेता के रूप में याद किया. उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन गांवों और किसानों के लिए समर्पित था और वे ईमानदारी के प्रतीक थे.
उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्हें पता चला कि भारत के पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ दिया जा रहा है, तो उनके मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ.
धनखड़ ने इसे अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि के रूप में बताया और कहा कि वे खुश हैं कि चौधरी चरण सिंह को अब ‘भारत रत्न’ दिया गया है. उन्होंने इसे देशवासियों के गौरव बढ़ाने का पल बताया.
उन्होंने इसे एक अवसर बताया और कहा कि पहले की सरकारों को इस पुरस्कार को देना चाहिए था1. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से ‘भारत रत्न’ का सम्मान बढ़ा है.