बॉम्बे हाई कोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी के मामले में CBI को फटकार लगाई है.
अदालत ने कहा कि CBI ने लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपति की गिरफ्तारी करते हुए न तो दिमाग लगाया और नहीं कानून का पालन किया.
अदालत ने जांच एजेंसी की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए उनकी गिरफ्तारी की गई.
अदालत ने जांच एजेंसी (CBI) को उन परिस्थितिजन्य साक्ष्य या अन्य दस्तावेज पेश करने में नाकाम रही है, जिनके आधार पर चंदा कोचर और दीपक कोचर को गिरफ्तार किया गया था.
वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले में CBI ने 23 सितंबर 2022 को कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था. उन्होंने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए तुरंत हाई कोर्ट का रुख किया था और इसे अवैध घोषित करने की मांग की थी.
यह मामला 1,794 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा था. CBI का आरोप है कि ICICI बैंक ने नियमों और रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर 3,250 करोड़ का लोन मंजूर किया था.
अदालत ने जांच एजेंसी की कार्रवाई को ‘ताकत का गलत इस्तेमाल’ बताया है. इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी में नए सबूतों की कमी थी.