रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया है कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 2028-29 तक तीन लाख करोड़ रुपये और सैन्य उपकरणों का निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है.
उन्होंने यह भी बताया कि एयरो-इंजन और गैस टर्बाइन जैसी उच्च-स्तरीय प्रणालियों का उत्पादन देश के भीतर किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) अब संयुक्त रूप से हर चुनौती से निपटने के लिए बेहतर समन्वय के साथ तैयार हैं.
उन्होंने बताया कि तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) अब संयुक्त रूप से हर चुनौती से निपटने के लिए बेहतर समन्वय के साथ तैयार हैं.
उन्होंने कहा पहले, भारत को हथियार आयातक के रूप में जाना जाता था। लेकिन आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों की सूची में जगह बना ली है।.
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई और लागू की हैं,
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई और लागू की हैं,
जो केवल पांच वर्षों के लिए अल्पकालिक लाभ प्रदान नहीं करती हैं, बल्कि दीर्घकालिक लाभ के लिए रक्षा क्षेत्र में सुधार करती हैं.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2028-29 तक वार्षिक रक्षा उत्पादन तीन लाख करोड़ रुपये और रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने अगले पांच साल में भारत में एयरो-इंजन और गैस टर्बाइन जैसी उच्च-स्तरीय प्रणालियों के निर्माण का लक्ष्य रखा है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने अगले पांच साल में भारत में एयरो-इंजन और गैस टर्बाइन जैसी उच्च-स्तरीय प्रणालियों के निर्माण का लक्ष्य रखा है.
यह सभी उपाय भारत को एक आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन देश बनाने में मदद करेंगे.