प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है.
तिथि और मुहूर्त माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 7 फरवरी, बुधवार, दोपहर 02:02 मिनट पर. माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 8 फरवरी, गुरुवार , प्रातः 11:17 मिनट पर. प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त: सायं 06: 05 मिनट से रात 08: 41 मिनट तक.
शुभ योग प्रदोष व्रत वज्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र में रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन वज्र योग पूरे दिन रहेगा. 08 फरवरी, तड़के 02:53 से सिद्धि योग लगेगा.
महत्व प्रदोष व्रत के महत्व का उल्लेख स्कंद पुराण में स्पष्ट रूप से किया गया है. ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पूजनीय व्रत को करता है उसे संतोष, धन और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत आध्यात्मिक उत्थान और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भी मनाया जाता है. यह एक ज्ञात तथ्य है कि इस शुभ दिन पर भगवान की एक नज़र भी आपके सभी पापों को समाप्त कर देगी और आपको भरपूर आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करेगी.