अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश भर से आए 15 यजमानों में भगवान राम के मित्र गुह्यराज के वंशज रवि कुमार निषाद भी शामिल थे। रवि निषाद गोरखपुर विश्वविद्यालय में उप कुलसचिव के पद पर तैनात हैं। उन्होंने पत्नी रचना के साथ आयोजन में प्रतिभाग किया।

गुह्यराज भगवान राम के मित्र थे। वे एक निषाद थे और भगवान राम के साथ लंका युद्ध में भी शामिल हुए थे।

रवि कुमार निषाद का कहना है कि उनके लिए यह एक बहुत ही ऐतिहासिक क्षण था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पूर्वजों का सपना साकार किया है।

रवि निषाद ने गर्भगृह में मौजूद रहकर पूजन-अर्चन को विधि-विधान से पूरा कराया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक बहुत ही भावनात्मक अनुभव था।

रवि निषाद के अनुसार, उनके परिवार में यह परंपरा रही है कि वे हर साल राम मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब से राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई है, तब से वे हर साल निर्माण स्थल पर जाते थे।

रवि निषाद ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए एक सपने के साकार होने जैसा है। उन्होंने कहा कि हम सभी भगवान राम से प्रार्थना करते हैं कि वे हमारे देश को हमेशा सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करें।

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