उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग हादसे के बाद जांच रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का खुलासा हुआ है. इस हादसे में 41 श्रमिक 17 दिनों तक फंसे रहे थे. जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड सरकार को सौंपी, जिसमें उन्होंने कई खामियों का उल्लेख किया है.
जांच पैनल ने खुलासा किया कि टनल की डिजाइन प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में विस्तृत भू-तकनीकी और भूभौतिकीय जांच नहीं कराई गई थी.
जांच पैनल ने खुलासा किया कि टनल की डिजाइन प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में विस्तृत भू-तकनीकी और भूभौतिकीय जांच नहीं कराई गई थी.
इसके अलावा, जांच पैनल ने यह भी खुलासा किया कि सुरंग में त्रासदी की स्थिति में निकासी योजना का अभाव था.
जांच पैनल ने श्रमिकों के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, विशेषज्ञों की एक तकनीकी सलाहकार समिति गठित करने, और नियमित अंतराल पर सुरंग का दौरा करने का सुझाव दिया है.
जांच पैनल ने श्रमिकों के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, विशेषज्ञों की एक तकनीकी सलाहकार समिति गठित करने, और नियमित अंतराल पर सुरंग का दौरा करने का सुझाव दिया है.
इसके अलावा, उन्होंने सुरंग ढहने की स्थिति के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार करने की सलाह दी है.
इसके बावजूद, निर्माण कार्य कर रही कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम (NHIDCL) ने जांच पैनल की रिपोर्ट को खारिज कर दिया.
इसके बावजूद, निर्माण कार्य कर रही कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम (NHIDCL) ने जांच पैनल की रिपोर्ट को खारिज कर दिया.
एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा, “हम निष्कर्षों से सहमत नहीं हैं.