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अब तलाक लेना मुश्किल : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के प्रावधान

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपने मसौदे को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा. इस मसौदे में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं:

विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा: विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रावधान है.

बहुविवाह पर रोक: बहुविवाह पर रोक लगाई जाएगी.

तलाक के समान अधिकार: पति-पत्नी को तलाक के समान अधिकार मिलेंगे.

लिव-इन रिलेशनशिप के नियम: लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले साझेदारों को जिला रजिस्ट्रार को एक घोषणा पत्र जमा करना होगा. यदि लिव-इन पार्टनर बिना बयान दर्ज कराए एक महीने से अधिक समय तक रिश्ते में रहते हैं, तो जोड़े को तीन महीने की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.

तलाक के नियम: पुरुष और महिला दोनों व्यभिचार, पति या पत्नी द्वारा मानसिक या शारीरिक क्रूरता, बिना किसी उचित कारण के परित्याग, पति या पत्नी द्वारा धर्म परिवर्तन, मानसिक रूप से अस्वस्थता, यौन रोग आदि के आधार पर तलाक के लिए अदालत में जा सकते हैं.

यदि यह पारित हो गया, तो उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य होगा. इसके बाद इस पर चर्चा की जाएगी. विशेष रूप से बुलाए गए विधानसभा के इस सत्र में यूसीसी का मसौदा रखा जाएगा.

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