केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें किसानों की मुख्य मांगों पर चर्चा की गई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था कि किसानों की मांगों को समझा जाए और उन्हें मनाया जाए.

किसानों की मुख्य मांगें थीं कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी दी जाए, ऋण माफी की जाए, स्वामीनाथन सिफारिशों को लागू किया जाए और दो साल पहले आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ मुकदमों को वापस लिए जाए.

इस बैठक के बावजूद, कोई स्पष्ट नतीजा सामने नहीं आया. किसानों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया. इसके बावजूद, केंद्र सरकार ने आशा जताई है कि वे किसानों के साथ समझौते पर पहुंचने की कोशिश जारी रखेंगे.

किसानों की मुख्य मांगें क्या हैं:

सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी का कानून बनाना.
डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो.
किसानों पर चढ़े कर्ज को माफ करना.
60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाए.
लखीमपुर खीरी घटना में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई.
पिछले विरोध प्रदर्शन “शहीदों” के सम्मान में एक स्मारक के लिए दिल्ली में भूमि का अनुदान.
लखीमपुर खीरी त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय.
कृषि ऋण माफ किया जाए और पिछले विरोध प्रदर्शनों से पुलिस मामले वापस लिए जाएं.
ये मांगें किसानों के अधिकारों और उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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