भारत में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के नियम जल्द ही लागू होने जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं.

सूत्रों के मुताबिक, अब सीएए नियम लागू होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. 

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले तीन मुल्कों के छह गैर-मुस्लिम प्रवासी समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता मिलने की राह प्रशस्त हो जाएगी. 

ये तीन मुल्क अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश हैं. और ये छह समुदाय हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, और पारसी है.

सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे. इस प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है. 

नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं,

वहां से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे.

सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि सीएए के नियम लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले लागू होंगे.

सीएए, किसी व्यक्ति को खुद नागरिकता नहीं देता है. इसके जरिए पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है. 

यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे. 

इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं. उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं.

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