उत्तराखंड के कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ ईनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने बुधवार को एक धन-शोधन जांच के तहत छापेमारी की1. ईडी ने उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ में कई स्थलों पर छापेमारी की.

इस छापेमारी का संबंध एक वन घोटाले से है, जिसमें हजारों पेड़ों की कटाई, वित्तीय अनियमितताएं, और कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के पाखरो टाइगर रिजर्व रेंज में 2019 में अवैध निर्माण का आरोप है. यह घोटाला तब हुआ था जब हरक सिंह रावत भाजपा सरकार में वन मंत्री थे.

इसके अलावा, उत्तराखंड के निगरानी विभाग ने अगस्त 2023 में हरक सिंह रावत के बेटे की स्वामित्व वाले एक मेडिकल कॉलेज और पेट्रोल पंप पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के कौलागढ़ टाइगर रिजर्व में पाखरो सफारी के निर्माण में हुई अनियमितताओं के मामले से संबंधित थी.

इस छापेमारी के दौरान, निगरानी दल ने दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दो जनरेटर्स जब्त किए थे. इन जनरेटर्स का आरोप था कि ये सरकारी धन से खरीदे गए थे और इन्हें दो संस्थानों में स्थापित किया गया था.

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