कोचिंग संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ये संस्थान छात्रों को उच्च शिक्षा और उनके भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने का वादा करते हैं. लेकिन, कई बार ये संस्थान अपने विज्ञापनों में भ्रामक जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे छात्र और उनके परिवार को गुमराह किया जाता है.
अब, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने इन संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके अनुसार, अब कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में सटीक और सच्ची जानकारी प्रदान करनी होगी.
नई गाइडलाइन के प्रमुख तत्व
सफलता का दावा: कोचिंग संस्थान अब “100% सक्सेस” या “100% नौकरी की गारंटी” जैसे दावे नहीं कर सकेंगे.
अब, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने इन संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इसके अनुसार, अब कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापनों में सटीक और सच्ची जानकारी प्रदान करनी होगी.
नई गाइडलाइन के प्रमुख तत्व
सफलता का दावा: कोचिंग संस्थान अब “100% सक्सेस” या “100% नौकरी की गारंटी” जैसे दावे नहीं कर सकेंगे.
सफल उम्मीदवारों की जानकारी: संस्थानों को सफल उम्मीदवारों की फोटो के साथ उनकी रैंक, चुने गए पाठ्यक्रम की अवधि, और उनके द्वारा भुगतान की गई फीस की जानकारी प्रदान करनी होगी.
विज्ञापन की स्पष्टता: विज्ञापन में डिस्क्लेमर/डिस्क्लोजर/महत्वपूर्ण जानकारी का फॉन्ट वही होना चाहिए जो दावे/विज्ञापन में उपयोग किया गया है.
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