समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में अपनी नई पार्टी का गठन किया है. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ रखा है. उन्होंने अपनी नई पार्टी का झंडा भी लांच कर दिया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली के साथ अपनी पार्टी का औपचारिक तौर पर लांच किया. उन्होंने अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने के बावजूद, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से अलग होने के बाद अपनी नई पार्टी का गठन किया. उन्होंने अखिलेश यादव को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वे क्यों इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर दी थी.
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्हें नहीं, बल्कि अखिलेश यादव को उनसे फायदा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि वे एक राष्ट्रीय महासचिव हैं,
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली के साथ अपनी पार्टी का औपचारिक तौर पर लांच किया. उन्होंने अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने के बावजूद, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से अलग होने के बाद अपनी नई पार्टी का गठन किया. उन्होंने अखिलेश यादव को एक चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वे क्यों इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर दी थी.
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्हें नहीं, बल्कि अखिलेश यादव को उनसे फायदा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि वे एक राष्ट्रीय महासचिव हैं,
जिसका कोई भी बयान निजी बयान हो जाता है, और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव और नेता ऐसे भी हैं, जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस कदम से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. उनके इस कदम से सपा को एक बड़ा झटका लगा है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस कदम से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. उनके इस कदम से सपा को एक बड़ा झटका लगा है.
अब देखना यह होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की नई पार्टी का उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है.