कर्नाटक सरकार ने हाल ही में तंबाकू उत्पादों के सेवन और बिक्री पर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. 

इनमें सबसे बड़ा बदलाव हुक्का बारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना है. इसके अलावा, सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू उत्पादों के सेवन पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.

कर्नाटक सरकार ने यह कदम उठाया है क्योंकि वे मानती है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. 

विशेषकर, हुक्का बारों का उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है, और युवाओं में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है. हालांकि, अनेक अध्ययनों ने दिखाया है कि हुक्का पीने के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं.

इसके अलावा, सरकार ने तंबाकू उत्पादों की खरीद की आयु सीमा को भी बढ़ा दिया है. पहले, 18 वर्षीय व्यक्ति तंबाकू उत्पाद खरीद सकते थे,

लेकिन अब इसे 21 वर्ष कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब 21 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को सिगरेट या तंबाकू नहीं बेचा जा सकेगा.

सरकार ने इन नियमों का पालन करने के लिए सख्त दंड और जुर्माने का प्रावधान भी किया है. 

यदि किसी ने प्रतिबंधित स्थल पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री की, तो उसे 1000 रुपये का जुर्माना देना होग. 

इसके अलावा, हुक्का बार खोलने या चलाने के लिए दोषी पाए जाने पर 1 से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है, साथ ही 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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