विश्व व्यापार संगठन (WTO) में हाल ही में भारत और थाईलैंड के बीच एक विवाद उभरा है.
थाईलैंड के राजदूत पिंच्नोक वोंकारपोन ने भारत पर आरोप लगाया कि भारत सब्सिडी वाले चावल का इस्तेमाल करके वैश्विक निर्यात बाजार पर हावी हो रहा है.
थाईलैंड के राजदूत ने आरोप लगाया कि भारत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए सब्सिडी वाले चावल बांटता है और उसे निर्यात कर देता है.
यह विश्व व्यापार नियमों के खिलाफ है. इसके बाद भारत ने इस बयान के विरोध में उन बैठकों का बहिष्कार कर दिया, जिनमें थाईलैंड मौजूद था.
भारतीय अधिकारियों ने बताया कि देश में उत्पादित चावल का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित किया जाता है.
उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों की तरफ से बाकी चावल बाजार मूल्य पर निर्यात किया जाता है.
वैश्विक चावल व्यापार में भारत का हिस्सा 40 फीसदी है.
गैर बासमती चावल पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत ने चावल के बाजार में शीर्ष निर्यातक का खिताब बरकरार रखा है.
थाईलैंड वर्षों से अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरह बात बोलता है।.