भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद, अब दोनों देशों ने अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 27 जनवरी 2025 को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने और दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं बहाल करने पर सहमति बनी है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व

कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पवित्र यात्रा है। यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है, जिन्हें भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जबकि मानसरोवर झील को पवित्र जल का स्रोत और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करती है।

यात्रा का इतिहास और रुकने का कारण

कैलाश मानसरोवर यात्रा का इतिहास सदियों पुराना है। यह यात्रा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव रही है। हालांकि, 2020 में कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा पर हुए तनाव के कारण यह यात्रा रोक दी गई थी। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे, जिसके कारण यात्रा को निलंबित कर दिया गया था।

भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में कदम

भारत और चीन के बीच हाल के वर्षों में तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन दोनों देशों ने अब संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं। 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं भी फिर से शुरू की जाएंगी, जो 2020 से बंद थीं।

यात्रा को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया

विदेश मंत्रालय के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार काम करेगा। इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाओं पर चर्चा की जाएगी और यात्रा के मार्ग और सुरक्षा के बारे में समझौते किए जाएंगे। यात्रा के दौरान भारतीय श्रद्धालुओं को चीन से विशेष अनुमति मिलेगी, जैसा कि पहले होता था।

सीधी हवाई सेवाओं का महत्व

भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने का निर्णय भी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सेवाएं न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होंगी, बल्कि यह दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी। दोनों देशों के तकनीकी अधिकारी जल्द ही इसके लिए एक रूपरेखा तैयार करेंगे।

भारत-चीन संबंधों का भविष्य

भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में यह निर्णय एक महत्वपूर्ण मोड़ है। दोनों देशों ने सीमा विवाद को सुलझाने और संबंधों को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2025 में भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है, और इस मौके को दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और भरोसे को बहाल करने के लिए उपयोग किया जाएगा।

Shares:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *