मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़ा मामले में हाईकोर्ट ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.

 इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस आरके श्रीवास्तव करेंगे. इस कमेटी में आईएएस राधेश्याम जुलानिया और इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति भी सदस्य होंगे.

इस कमेटी का कार्य होगा कि वह उन नर्सिंग कॉलेजों की जांच करेगी, जिनमें नियमानुसार मान्यता के लिए कमियां पाई गई हैं. 

इसके अलावा, यह कमेटी उन कॉलेजों की जांच भी करेगी, जिनमें सीबीआई ने कमियां पाई थीं. 

यदि कोई कॉलेज मान्यता प्राप्त करने की स्थिति में नहीं है, तो उस कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को अन्य कॉलेजों में स्थानांतरित करने की योजना भी इस कमेटी द्वारा पेश की जाएगी.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अपात्र पाए गए नर्सिंग कॉलेजों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए. 

तीन से अधिक फैकल्टी डुप्लिकेशन होने पर प्रति फैकल्टी एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

मध्य प्रदेश में 600 से अधिक फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को एक जनहित याचिका ने उजागर किया था, जिसकी हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच की थी. 

अब तक सीबीआई ने 300 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है, और बाकी की जांच अभी चल रही है.

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