केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम की शुरुआत की. 
 
उन्होंने इस निकाय से प्रत्येक शहर में एक शहरी सहकारी बैंक स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. आरबीआई ने NUCFDC को गैर-
 
बैंकिंग वित्त कंपनी और शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक स्व-नियामक संगठन के रूप में काम करने की मंजूरी दी है.

अमित शाह ने कहा, 20 साल बाद NUCFDC की स्थापना हुई है. यह वक्त की मांग है. मुझे खुशी है कि आरबीआई ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. 
 
उन्होंने कहा कि शहरी सहकारी बैंक भारत में लंबे समय से काम कर रहे हैं, लेकिन वे तेजी से वृद्धि नहीं कर सके. ये बैंक देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

NUCFDC का मुख्य उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम का पालन करने और
 
उन्हें पेशेवर बनाने में मदद करना होना चाहिए. देश में कुल 11,000 शाखाओं वाले 1,500 से अधिक शहरी सहकारी बैंक हैं
 
और इनमें पांच लाख करोड़ रुपये जमा हैं. इनके द्वारा 3.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण किया गया है.

कई बैंक पुराने टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों पर काम करते हैं, जिससे उनके लिए आधुनिक बैंकिंग सेवाएं प्रोवाइड करना मुश्किल हो जाता है. 
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