कॉन्फ्रेंस टूरिज्म क्या है?

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म एक प्रकार का पर्यटन है जिसमें लोग समागमों, सम्मेलनों, वर्कशॉप्स, सेमिनार्स और अन्य आयोजनों के लिए अलग-अलग स्थलों पर यात्रा करते हैं. यह टूरिज्म विशेष तौर पर व्यापारिक और पेशेवर उद्देश्यों के लिए होता है और व्यवसायिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक आयोजनों का हिस्सा हो सकता है.

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म क्यों जरूरी है?

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद फायदेमंद होता है. दुनियाभर की कंपनियां बिजनेस ट्रैवल पर हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये खर्च करती हैं. कॉन्फ्रेंस टूरिज्म से एक ही बार में अलग-अलग सेक्टर को फायदे मिलते हैं. इससे एविएशन से लेकर हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने में मदद मिलती है.

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का जिक्र क्यों किया?

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का जिक्र इसलिए किया क्योंकि यह ग्लोबली 25 लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्री है. भारत में भी इसकी अपार संभावनाएं हैं. भारत ने हाल ही में जी20 की अध्यक्षता की है, जिसने भारत में ‘कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ को बढ़ाने का काम किया है2. इसलिए वित्त मंत्री ने बजट भाषण में इसका जिक्र किया.

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