उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने एक साथ आने की कवायद तेज कर दी है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और कांग्रेस के बीच एक गठबंधन बनाने पर सहमति बन गई है। इस गठबंधन को ‘INDIA’ का नाम दिया गया है।
इस गठबंधन के तहत, सपा को 37, रालोद को 8 और कांग्रेस को 11 सीटें दी जाएंगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को इस गठबंधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस को यूपी में 11 सीटें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है।
इस गठबंधन के साथ, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने की अपनी उम्मीदें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में केवल 5 सीटें जीती थीं।
गठबंधन का महत्व
यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सपा और रालोद पहले भी कई बार चुनाव में साथ आए हैं और उन्हें सफलता मिली है। कांग्रेस भी इस गठबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस गठबंधन से भाजपा को चुनौती मिलने की उम्मीद है। भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भारी जीत हासिल की थी। हालांकि, हाल के दिनों में भाजपा की लोकप्रियता में गिरावट आई है।
भविष्य के लिए चुनौतियां
हालांकि, इस गठबंधन को सफल बनाने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इनमें शामिल हैं:
- तीनों दलों के बीच मतभेद: सपा और रालोद के बीच मतभेद रहे हैं। कांग्रेस भी इन मतभेदों का फायदा उठा सकती है।
- उम्मीदवारों का चयन: तीनों दलों को ऐसे उम्मीदवारों का चयन करना होगा जो जनता को आकर्षित कर सकें।
- चुनावी अभियान: तीनों दलों को एक साथ मिलकर चुनावी अभियान चलाना होगा।
यदि इन चुनौतियों को दूर किया जा सकता है, तो यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने की संभावना रखता है।