गाजा युद्ध के दौरान, इस्राइल ने यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ और वर्क्स एजेंसी (UNRWA) पर हमास के हमलों में मदद करने का आरोप लगाया। इस्राइल के अनुसार, यूएन एजेंसी के कर्मचारी हमास के साथ मिलकर काम कर रहे थे, जो इस्राइल के खिलाफ हमले कर रहा था। इस आरोप के बाद, कई देशों ने UNRWA की फंडिंग रोक दी।

इस्राइल के अनुसार, उन्होंने यूएन एजेंसी के कर्मचारियों को हमास के साथ मिलकर काम करते हुए पकड़ा। इस्राइल के अनुसार, ये कर्मचारी हमास के हमलों में मदद कर रहे थे, जिससे इस्राइल के नागरिकों को नुकसान पहुंचा। इस्राइल ने यह भी दावा किया कि यूएन एजेंसी के कर्मचारी हमास के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे।

इस आरोप के बाद, कई देशों ने UNRWA की फंडिंग रोक दी। इन देशों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और कनाडा शामिल हैं। इन देशों ने इस निर्णय का समर्थन किया कि यदि यूएन एजेंसी के कर्मचारी हमास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, तो उन्हें फंडिंग नहीं मिलनी चाहिए।

यूएन एजेंसी ने इस आरोप को खारिज किया है और कहा है कि उनके कर्मचारी किसी भी प्रकार के हिंसात्मक कार्यों में शामिल नहीं होते। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल युद्ध के प्रभावित लोगों की मदद करना है।

इस मामले को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। यूएन ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है और कहा है कि यदि इस आरोप को साबित किया जाता है, तो उन्होंने कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है।

इस मामले के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हमें इंतजार करना होगा। यदि यूएन एजेंसी के कर्मचारी सचमुच हमास के साथ मिलकर काम कर रहे थे, तो यह एक बड़ी समस्या हो सकती है। यदि यह आरोप झूठा साबित होता है, तो इसका प्रभाव यूएन एजेंसी की प्रतिष्ठा पर पड़ सकता है।

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