तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को विदेशी मुद्रा लेनदेन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन किया है. ईडी ने महुआ को 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे हैं. इन्हीं की जांच कर रही संसद की आचार समिति ने लोकसभा में महुआ की सांसदी खत्म करने की सिफारिश की थी. बाद में रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महुआ को निष्कासित कर दिया.

महुआ मोइत्रा पर यह आरोप है कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछे. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहादराई द्वारा प्रदान किए गए थे. लोकसभा स्पीकर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने कहा था कि उन्हें वकील और महुआ के पूर्व दोस्त जय अनंत का एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और जाने-माने बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी के बीच सवाल पूछने के लिए रिश्वत के आदान-प्रदान के सबूत साझा किए हैं.

इन आरोपों के सामने आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने पूरा मामला आचार समिति के पास भेज दिया था. आचार समिति ने शिकायत की जांच की और उसके बाद महुआ की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की. इसके बाद लोकसभा ने महुआ की सदस्यता खत्म कर दी.

महुआ मोइत्रा ने इन सब आरोपों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि ये सब आरोप उनके पूर्व दोस्त जय अनंत की वजह से लगाए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जय अनंत ने एक विस्तृत शोध किया है और उसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि महुआ ने संसद में उनके द्वारा पूछे गए कुल 61 में से लगभग 50 प्रश्न दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने के लिए थे.

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