भारत के प्रमुख और प्रतिष्ठित वकील फली एस नरीमन का 21 फरवरी 2024 को निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे.
उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मामलों में बहस की. उन्होंने एनजेएसी फैसले सहित कई महत्वपूर्ण मामलों में बहस की.
फली नरीमन ने जून 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के एक फैसले के विरोध में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद छोड़ दिया था.
उन्होंने आपातकाल की घोषणा का विरोध किया थ.
नरीमन ने अपनी आत्मकथा “Before Memory Fades” में अपने जीवन के अनुभवों को विस्तार से लिखा है.
उनकी इस पुस्तक को व्यापक रूप से पढ़ा जाता है, विशेष रूप से कानून के छात्रों और युवा वकीलों के बीच, जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करती है. “The State of Nation”, “God Save the Hon’ble Supreme Court” उनकी अन्य लोकप्रिय और प्रसिद्ध पुस्तकें हैं.
उनके बेटे रोहिंटन नरीमन भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं. फली नरीमन के निधन से भारतीय न्यायिक प्रणाली ने एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्वर खो दिया है.