सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम खानविलकर को लोकपाल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जस्टिस खानविलकर लोकपाल के दूसरे अध्यक्ष होंगे. 

इस नियुक्ति के साथ लोकपाल के नियमित अध्यक्ष का पद, जो 27 मई, 2022 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से खाली था, अब भर गया है.

जस्टिस खानविलकर जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं. 

उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों में पीएम नरेंद्र मोदी को दोषमुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने और पीएमएलए  के तहत प्रवर्तन निदेशालय की व्यापक शक्तियों को बरकरार रखने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं.

लोकपाल के न्यायिक सदस्य जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती वर्तमान में कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

सेवानिवृत्त न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी, संजय यादव और रितु राज अवस्थी को भी लोकपाल के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. 

सुशील चंद्रा, पंकज कुमार और अजय तिर्की को लोकपाल के गैर-न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.

लोकपाल के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशें प्राप्त करने के बाद की जाती है. 

एक चेयरमैन के अलावा, लोकपाल में आठ सदस्य हो सकते हैं – चार न्यायिक और इतने ही गैर-न्यायिक.

लोकपाल को 2023-24 के बजट में शुरू में 92 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे बाद में बढ़ाकर 110.89 करोड़ रुपये कर दिया गया. 

अंतरिम बजट 2024-25 में लोकपाल को 33.32 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, ताकि वह अपने प्रतिष्ठान और निर्माण संबंधी व्यय को पूरा कर सके.

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