बदायूं की सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ज्योत्सना राय की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस ने महिला जज के मोबाइल के नंबरों को खंगालना शुरू कर दिया है. ज्योत्सना राय की मौत से पहले जिन लोगों से बात हुई, वह कोई और नहीं उनके परिजन और नजदीकी मित्र निकले.

मोबाइल के कॉल डिटेल से पुलिस को कुछ खास सबूत नहीं मिले. हालांकि पुलिस अभी भी जांच पड़ताल कर रही है. पुलिस मोबाइल के वाट्सएप कॉल और चैट को भी निकलवा रही है1. पुलिस को उम्मीद है कि शायद इससे कुछ साक्ष्य मिल जाए.

अगर पुलिस को इसमें भी कोई साक्ष्य नहीं मिलता है तो मुकदमा सुसाइड में तरमीम कर दिया जाएगा. सिविल जज ज्योत्सना राय की मौत के बाद उनके पिता अशोक राय ने बेटी की हत्या की आशंका जताते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

ज्योत्सना राय के पड़ोसियों ने कहा था कि मौत से पूर्व महिला जज की देर रात तक किसी से बात हो रही है. इस दौरान उनकी आवाज से यह लग रहा था कि वह काफी गुस्से में थीं. एसएसपी आलोक प्रियदर्शी के मुताबिक परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस हत्या के एंगल पर छानबीन कर रही है. अगर कोई ठोस सबूत मिल जाता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी1. अन्यथा मुकदमे को सुसाइड में तरमीम कर दिया जाएगा.

बदायूं में शनिवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ज्योत्सना राय का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटका मिला था. ज्योत्सना पूर्व में अयोध्या जिले में थीं, वर्तमान में वह बदायूं में तैनात थी.

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