किसानों ने हाल ही में ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया है12. इस मार्च का उद्देश्य केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है, ताकि उनकी मांगों को पूरा किया जा सके. किसानों ने कहा है कि वे अपनी मांगों को पूरा करवाकर ही वापस जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि वे 6 महीने का राशन लेकर आए हैं.

किसानों की मुख्य मांगें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की हैं. इन मांगों को पूरा करने के लिए, किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय लिया.

इस मार्च के दौरान, किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और दबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच किया. इसके बाद, वे दिल्ली के पास बॉर्डर पर जमा होंगे और दोपहर तीन बजे आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे.

इस मार्च के आयोजन को देखते हुए, दिल्ली और हरियाणा में पहले ही धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके तहत, पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक है.

इस प्रकार, किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च उनकी मांगों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके बावजूद, इस मार्च के परिणाम और इसका प्रभाव अभी अनिश्चित है.

Shares:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *