12 फरवरी 2024 को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच हुई बातचीत विफल रही। किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े रहे और सरकार की तरफ से दिए गए प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।
बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा:
“आज की बैठक विफल रही है। सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया।”
“कल सुबह 10 बजे किसान दिल्ली कूच करेंगे।”
“शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर किसान तैयार रहें।”
पंधेर ने आगे कहा:”सरकार ने MSP पर कानून बनाने की हमारी मांग को स्वीकार नहीं किया।””सरकार ने बिजली बिलों को माफ करने की हमारी मांग को भी स्वीकार नहीं किया।””सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की हमारी मांग को भी स्वीकार नहीं किया।”किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा:
“सरकार किसानों की मांगों पर विचार कर रही है।””सरकार किसानों के हित में फैसला लेगी।”
गोयल ने आगे कहा:”सरकार ने MSP पर कानून बनाने के लिए एक समिति गठित करने की पेशकश की है।””सरकार ने बिजली बिलों में किसानों को सब्सिडी देने की पेशकश की है।””सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने पर विचार करने की पेशकश की है।”यह बैठक किसानों और सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत थी।
पहले दो दौर की बातचीत भी विफल रही थी। किसान पिछले साल सितंबर से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, लेकिन किसान अपनी अन्य मांगों पर अड़े हुए हैं। यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को मानती है या नहीं। अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो किसान आंदोलन और तेज हो सकता है .यह किसानों और सरकार के बीच गतिरोध का एक महत्वपूर्ण मोड़ है।