ए. रामचंद्रन, जिनका पूरा नाम अच्युतन रामचंद्रन नायर था, भारतीय कला जगत के एक प्रमुख स्तम्भ थे. उन्होंने अपनी अद्वितीय चित्रकारी के माध्यम से देश और दुनिया दोनों में अपनी छाप छोड़ी.
शिक्षा और करियर
रामचंद्रन ने एम.ए. मलयालम विषय में केरल विश्वविद्यालय से किया था. उन्होंने शांतिनिकेतन से कला डिप्लोमा प्राप्त किया था. उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा नंदलाल बसु, विनोद बिहारी मुखर्जी, रामकिंकर बैज के सानिध्य में प्राप्त की. दिल्ली के जामिया मिलिया विद्यालय में ए. रामचंद्रन ने अध्यापन कार्य भी करवाया.
सम्मान और पुरस्कार
रामचंद्रन को भारत सरकार द्वारा सन 2005 में कला के क्षेत्र में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था. उन्हें ललित कला अकादमी का ‘रत्न’ सदस्य भी बनाया गया था.
कला कृतियाँ
‘कमल सरोवर’, ‘ययाति’, ‘काली पूजा’, ‘यादवो का अंत’ तथा ‘उर्वशी’ आदि उनकी प्रसिद्ध कलाकृतियाँ हैं.
निधन
10 फरवरी, 2024 को ए. रामचंद्रन का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे.
ए. रामचंद्रन के निधन से भारतीय कला जगत को एक बड़ी क्षति हुई है. उनकी अद्वितीय चित्रकारी और उनके द्वारा छोड़ी गई अमूल्य धरोहर हमेशा हमें उनकी याद दिलाती रहेगी.