चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. चुनाव के दौरान कुछ घटनाओं को देखते हुए, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया.

चुनाव के दौरान, एक वीडियो सामने आया जिसमें पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर कुछ लिखते हुए देखे जा रहे थे. बाद में 8 वोटों को पीठासीन अधिकारी द्वारा अमान्य करार दे दिया गया1. इसके बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया.

सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि इस अफसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके अलावा, चंडीगढ़ निगम के बजट पर भी रोक लगा दी गई है.

इस प्रकरण को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता है. चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को खतरे में डाल सकती है. यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत सतर्क रहना चाहिए.

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