प्रिया दत्त, सुनील दत्त की बेटी और एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने हाल ही में एक बयान में कहा कि ‘कैंसर से डरना नहीं, लड़ना है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैंसर का मतलब मौत नहीं होता, बल्कि सही समय पर इलाज जरूरी होता है. उन्होंने यह भी कहा कि जागरूकता सबसे अहम है.

प्रिया दत्त ने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय और श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की ओर से आयोजित कैंसर जागरुकता शिविर में यह बातें कहीं1. उन्होंने बताया कि भारत में हर साल लगभग 14-15 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए जाते हैं. हालांकि, भारत में डेटा की कम रिपोर्टिंग के कारण वास्तविक संख्या बहुत अधिक हो सकती है.

उन्होंने लोगों को बताया कि कैंसर से डरने की बजाय उससे लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि जनजागरूकता फैलाकर इस मुहिम को और आगे बढ़ाया जा सकता है. विश्वविद्यलाय के कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूड़ी ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के आशीर्वचन प्रस्तुत किए.

उनके अनुसार, कैंसर से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका यह है कि हम इसे स्वीकार करें, इससे डरें नहीं, और इसके खिलाफ संघर्ष करें.

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