मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के 350 श्रद्धालु ने लखनऊ से अयोध्या के राम मंदिर तक की छह दिन की पदयात्रा की. इस दल का नेतृत्व मंच के संयोजक राजा रईस और प्रांत संयोजक शेर अली खान ने किया.
यात्रा के दौरान, श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देवता श्री राम के दर्शन किए. दर्शन के बाद, उनकी आंखों में गर्व के आंसू और जुबान पर श्री राम का नाम था. यह यात्रा उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव थी, जिसे वे अपने जीवन भर याद रखेंगे.
इस यात्रा के दौरान, श्रद्धालुओं ने एकता, अखंडता, संप्रभुता और सौहार्द का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि धर्म, पूजा पद्धति, ऊपर वाले को याद करने का तरीका भले ही अपने अपने अकीदे के हिसाब से होता है, लेकिन किसी भी मजहब में यह नहीं सिखाया जाता है कि दूसरे धर्म की निंदा करो, मजाक उड़ाओ, या उन पर तशद्दुद करो.
इस तरह, इस यात्रा ने एक नया अध्याय खोला, जिसमें धर्मों के बीच समानता, सम्मान और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा दिया गया. यह यात्रा ने साबित किया कि धर्म एक व्यक्ति के आत्मिक विकास के लिए है, न कि समाज में विभाजन के लिए.