दिब्येंदु भट्टाचार्य, जिन्हें उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है,

हाल ही में अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि उन्हें निगेटिव रोल करने पर धमकी मिली. यह एक चिंताजनक मामला है, जिसने उन्हें और उनके करियर को प्रभावित किया.

दिब्येंदु ने यह भी उजागर किया कि उन्हें रंगभेद के कारण लीड रोल नहीं मिला. यह एक और चुनौती थी जिससे उन्होंने अपने करियर में सामना किया.

यह उनके लिए निराशाजनक था, लेकिन उन्होंने इसे अपने आत्मसमर्पण को कमजोर नहीं होने दिया.

सबसे कठिन समय तब आया जब उनकी मां की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि उनकी मां का निधन 16 मई को हुआ, जब वे अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए तुर्की में थे. उन्हें यह खबर मिलने पर वे टूट गए, लेकिन उन्होंने अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को पूरा करने का फैसला किया.

उन्होंने कहा, मुझे पूरी रात शूटिंग करनी थी और मेरा पूरा दिन रोते हुए बिता। ये बात सच है कि आप कितने भी बड़े हो जाएं लेकिन माता पिता में से किसी को भी खोना एक ऐसा दर्द होता है जिसे भूलाया नहीं जा सकता.

दिब्येंदु भट्टाचार्य की कहानी हमें यह दिखाती है कि सफलता के पीछे कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, और कभी-कभी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है.

लेकिन, उनकी कहानी हमें यह भी दिखाती है कि संघर्ष के बावजूद, हमें हमेशा अपने सपनों की ओर आगे बढ़ना चाहिए.

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