लाल सागर में हौथी विद्रोहियों के हमलों के कारण भारतीय शिपिंग कारोबार पर गहरा असर पड़ रहा है.
 
 इन हमलों के कारण शिपिंग कंपनियां अब लाल सागर के मार्ग की बजाय दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप के मार्ग का उपयोग कर रही हैं. 
 
इससे परिवहन लागत तीन गुना हो गई है. यात्रा का समय भी 8-10 दिन बढ़ गया है, जिससे ईंधन की खपत और उसकी लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है.

इन हमलों के कारण, भारत से यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में माल का प्रवाह प्रभावित हुआ है. बढ़ती लागत के कारण भारतीय शिपिंग कारोबारी अपने प्रतिस्पर्धी का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं रह गए हैं. 
 
इसके अलावा, कई बीमा कंपनियों ने लाल सागर में चलने वाले जहाजों के लिए प्रीमियम 100 गुना तक बढ़ा दिया है, जबकि कुछ ने बीमा कवर की पेशकश पूरी तरह से बंद कर दी है.

इसके परिणामस्वरूप, भारतीय निर्यातकों के कारोबार को खतरे में डाल दिया है. इस संकट के बावजूद, भारतीय निर्यातकों ने अपनी नीतियों को समयानुसार बदलकर अपने उत्पादों की सप्लाई को बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है.

भारतीय निर्यातकों ने अपनी नीतियों को समयानुसार बदलकर अपने उत्पादों की सप्लाई को बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है.
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