वित्तीय वर्ष 2024 में डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) कलेक्शन में 20 फीसदी का उछाल आया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह 15.60 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि सरकार के पूरे वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान का 80 फीसदी है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने बताया कि देश का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 18.38 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें पिछले साल के मुकाबले 17.30 फीसदी का उछाल आया है।
इस उछाल के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक मुख्य कारण यह है कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े लगातार ऊपर जा रहे हैं। इसके साथ ही कॉरपोरेट इनकम टैक्स (CIT) और पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉरपोरेट इनकम टैक्स में 13.57 फीसदी और पर्सनल इनकम टैक्स में 26.91 फीसदी की वृद्धि हुई है।
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Returns) भरने वालों की संख्या पिछले 10 साल में दोगुनी होकर 7.78 करोड़ हो गई है। वित्त वर्ष 2023 में भरे गए आईटीआर की यह संख्या वित्त वर्ष 2013-14 के मुकाबले 104.91 फीसदी बढ़ी है।
वित्त वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 6,38,596 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2022-23 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये हो गया। इन 10 साल में डायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेशियो भी 5.62 फीसदी से बढ़कर 6.11 फीसदी हो गया।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में आया उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो दर्शाता है कि व्यापारिक गतिविधियाँ और निजी खर्च बढ़ रहे हैं। यह भी दर्शाता है कि सरकार के पास अधिक संसाधन हैं, जिन्हें वे विकास कार्यों और सामाजिक कल्याण क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं।