मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की कुर्सी खतरे में है। संसद में बहुमत रखने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की तैयारी में है। इसके लिए एमडीपी ने संसद में महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत करने की प्रक्रिया शुरू की है।
मालदीव में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, संसद में 87 सदस्य हैं। एमडीपी के पास 65 सदस्य हैं, जबकि राष्ट्रपति के समर्थकों के पास 22 सदस्य हैं। इस हिसाब से, एमडीपी के पास महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए पर्याप्त संख्या बल है।
एमडीपी ने राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कई आरोप लगाए हैं। इनमें शामिल हैं:
- भारत विरोधी नीतियां
- आर्थिक कुप्रबंधन
- भ्रष्टाचार
एमडीपी का आरोप है कि राष्ट्रपति मोइज्जू ने भारत के साथ संबंधों को खराब किया है। उन्होंने चीन से करीबी संबंध बनाए हैं, जिससे भारत नाराज है। एमडीपी का यह भी आरोप है कि राष्ट्रपति मोइज्जू ने आर्थिक मामलों में गड़बड़ी की है। उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है।
राष्ट्रपति मोइज्जू ने एमडीपी के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आर्थिक मामलों में कोई गड़बड़ी नहीं की है।
अगर संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। इसके बाद, संसद नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी।
मोइज्जू की कुर्सी पर खतरा बढ़ने के पीछे क्या हैं कारण?
मोइज्जू की कुर्सी पर खतरा बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। इनमें शामिल हैं:
- भारत विरोधी नीतियां: मोइज्जू की भारत विरोधी नीतियों से भारत नाराज है। भारत ने मोइज्जू को कई बार चेतावनी दी है कि वह भारत के साथ संबंधों को खराब न करें।
- आर्थिक कुप्रबंधन: मोइज्जू की सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप है। मालदीव की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और बेरोजगारी बढ़ रही है।
- भ्रष्टाचार: मोइज्जू पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। उन पर अपने परिवार और दोस्तों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप है।
मोइज्जू की कुर्सी पर खतरे के क्या मायने हैं?
मोइज्जू की कुर्सी पर खतरे से मालदीव की राजनीति में बदलाव की संभावना बढ़ गई है। अगर मोइज्जू हटा दिए जाते हैं, तो एमडीपी के नेता इब्राहिम मोहम्मद सोलिह नए राष्ट्रपति बन सकते हैं। सोलिह भारत के करीबी हैं। अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं, तो मालदीव के भारत के साथ संबंध बेहतर हो सकते हैं।