पंकज उधास, भारतीय संगीत के एक महान योगदानकर्ता, जिन्होंने अपनी गजलों के माध्यम से हमें भावनाओं की गहराई में ले जाने का अद्वितीय उपहार दिया, वे अब हमारे बीच नहीं रहे.
उनका निधन 26 फरवरी 2024 को हुआ, जब वे लंबी बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने अपनी बेटी नायाब उधास के माध्यम से इस दुखद समाचार की घोषणा की.
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात में हुआ था.
उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत “आहत” नामक गजल एल्बम से की थी, जो 1980 में लॉन्च हुआ.
उनकी गजल “चिट्ठी आई है” फिल्म “नाम” से बेहद लोकप्रिय हुई. उन्होंने अपने करियर में कई हिट गाने दिए, जिनमें “मुकरार”, “तरन्नुम”, और “महफिल” शामिल हैं.
पंकज उधास ने अपने संगीत के माध्यम से भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उन्होंने अपने गानों के माध्यम से भावनाओं को छूने की कला को नई ऊचाईयों पर पहुंचाया. उनके योगदान के लिए उन्हें 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
पंकज उधास के निधन से भारतीय संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है. उनकी गजलों की मधुरता और उनकी भावपूर्ण आवाज को हम हमेशा याद रखेंगे.
उनका जाना हमें याद दिलाता है कि जीवन अनिश्चित है, लेकिन कला और संगीत हमेशा हमारे बीच जीवित रहते हैं.
पंकज उधास की आत्मा को शांति मिले. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति हमारी संवेदनाएं.