2024 में सकट चौथ 29 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। यह व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। यह व्रत सभी विवाहित महिलाओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है।

पूजा विधि

सकट चौथ की पूजा सूर्योदय से पहले शुरू हो जाती है। महिलाएं स्नान करके साफ कपड़े पहनती हैं और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को अपने घर में स्थापित करती हैं। फिर वे गणेश जी को पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद से स्नान कराती हैं। इसके बाद वे उन्हें फल, फूल, अक्षत, रोली, मौली, सुपारी, लौंग, इलायची, दूर्वा आदि अर्पित करती हैं। फिर वे गणेश जी की आरती करती हैं और उनसे अपनी संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

शुभ मुहूर्त

सकट चौथ की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • प्रातःकालीन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: 06:10 से 09:44 तक
  • चंद्रोदय के लिए शुभ मुहूर्त: 08:41 से 09:44 तक

चंद्रोदय का समय

2024 में सकट चौथ का चंद्रोदय 08:41 बजे होगा। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और व्रत खोलती हैं।

सकट चौथ की कथा

सकट चौथ की कथा के अनुसार, माता पार्वती ने पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पुत्र रूप में गणेश जी का वरदान दिया। माता पार्वती ने गणेश जी की रक्षा के लिए उन्हें एक टोकरी में रखकर एक स्थान पर छोड़ दिया। रास्ते में एक राक्षस ने टोकरी को उठा लिया और उसे समुद्र में फेंक दिया।

समुद्र के किनारे एक गरीब ब्राह्मण रहता था। एक दिन उसकी पत्नी समुद्र किनारे जा रही थी। उसने समुद्र में तैरते हुए टोकरी देखी। उसने टोकरी को किनारे पर लाकर खोला। उसमें से एक सुंदर बालक निकला। ब्राह्मण दंपति ने बालक को पाकर बहुत खुश हुए। उन्होंने उसका नाम गणेश रखा और उसे अपना पुत्र बना लिया।

गणेश जी ने बड़े होकर अपने माता-पिता और सभी देवताओं की रक्षा की। उन्हें सभी देवताओं ने अपना स्वामी स्वीकार कर लिया। सकट चौथ के दिन माता पार्वती ने गणेश जी की पूजा की थी। इसलिए इस दिन सकट चौथ का व्रत रखा जाता है।

सकट चौथ के व्रत के नियम

सकट चौथ के व्रत के कुछ नियम इस प्रकार हैं:

  • व्रती महिलाओं को इस दिन सुबह से ही कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
  • व्रती महिलाओं को इस दिन दाल, चावल, आलू, प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रती महिलाओं को इस दिन सोना नहीं चाहिए।

सकट चौथ की महत्व

सकट चौथ का व्रत सभी विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस व्रत को रखने से संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है।

सकट चौथ का प्रसाद

सकट चौथ के दिन महिलाएं तिल से बनी वस्तुओं का भोग लगाती हैं। इसके अलावा, वे तिल के लड्डू, तिल के गुड़ का हलवा, तिल के चावल आदि का भी प्रसाद बनाती हैं।

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