महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण वाली विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. यह विधेयक मंगलवार, 20 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा पेश किया गया था.

मराठा समुदाय महाराष्ट्र की आबादी का 33 प्रतिशत हिस्सा है. इस विधेयक के पास होने के बाद, महाराष्ट्र में कुल आरक्षण 62 प्रतिशत हो जाएगा. यह आरक्षण ओबीसी या दूसरे किसी समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना ही दिया जाएगा.

यह विधेयक अब विधान परिषद में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी.

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSBCC) की रिपोर्ट और ड्राफ्ट बिल मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया गया. इस सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा आरक्षण को मंजूरी देना था.

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग का इतिहास लंबा है. इस मुद्दे को बार-बार हवा देने का कारण विरोध की लहर और मराठों की राजनीतिक हिस्सेदारी रही है. अब इस विधेयक के पास होने के बाद, मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने की उम्मीद है.

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